Hansi Majak - *meeurt* के एक लड़के ने अपनी गर्लफ्रेंड को फोन किया तो उसके पापा ने उठा लिया लड़का मन मे बोला हे भगवान ये कहॉ से आ गया,
पिता : हैलो, कौन बोल रहा है?
लड़का : मैं अमिताभ बच्चन बोल रहा हूँ, कौन बनेगा करोड़पति" से और आपकी बेटी की फ्रेंड हॉट सीट पर बेठी है और आपकी बेटी की मदद चाहती है, उसको फोन दीजिये
Sir,
पिता : ओह, रोमांचित हो कर बेटी को फोन दे दिया,
लड़का : *सवाल यह "आप हमें कौन सी जगह मिलोगी*?"
(Option A) : *kanch ka pull*
(Option B) : hapur adda*
(Option C): *pvs*
(Option D): *shop riks mall*
लडकी : "Option : *☺B.* *hapur adda*
लड़का : धन्यवाद, और अब आप का समय समाप्त होता है.
Hansi Majak
पिता अभी तक खुशी के मारे फुले नहीं समा रहे थे, ,,,,,,,,,,,, *meerut* के छोरे कुछ भी कर सकते हैं
अभी अभी बनाया है यार जल्दी दूसरे ग्रुप में भेजो *meerut* का सवाल है वरना पुराना हो जायेगा
Regards–
*meerut वाले*
अभी अभी बनाया है यार जल्दी दूसरे ग्रुप में भेजो *meerut* का सवाल है वरना पुराना हो जायेगा
Regards–
*meerut वाले*
Hansi Majak - माँ का फ़ोन आया, "बेटा, इस मंगलवार को
छुट्टी लेकर घर आ जाना, कुछ जरूरी काम है।"
"मम्मी, ऑफिस में बहुत काम है, बॉस छुट्टी नहीं देगा।" आँखों से अंगारे बरसाते हुए रावण जैसे प्रतीत हो रहे बॉस की तरफ देखकर मैं जल्दी से फुसफुसाया।
"वो एक रिश्ता आया था तुम्हारे लिये,
बड़ी सुंदर लड़की है, सोच रही थी कि
एक बार तुम दोनों मिल लेेते तो..."
"अरे माँ, बस इतनी सी बात, तुम कहो और मैं ना आऊँ, ऐसा हो सकता है भला?"
मन में फूट रहे लड्डूओं की आवाज छिपाते हुए मैंने जवाब दिया।
बॉस को किसी तरह टोपी पहनाकर,
तत्काल कोटे में रिजर्वेशन कराने के बाद
सोमवार की रात घर पर पहुँचा।
माँ ने कुछ ज्यादा बात नहीं की,
बस खाना परोसा और दूसरे दिन
जल्दी उठ जाने को कहा।
सुबह के 4 बजे तक तो नींद आँखों से कोसों दूर थी,
फिर आँख लगी तो सुबह 7 बजे मोबाइल के अलार्म के साथ ही नींद खुली।
माँ ने चाय देते हुए कहा,
"बाथरूम में कपड़े रखे हैं, बदलकर आ जाओ।"
बाथरूम में पुरानी टी-शर्ट और शॉर्ट्स देखकर दिमाग ठनका,
बाहर आकर पूछा तो माँ ने मनोरम मुस्कान बिखेरते हुए कहा,
"दीवाली में घर की सफाई का बोलती तो तू काम का बहाना बनाकर टाल देता, चल अब जल्दी से ये लंबी वाली झाड़ू उठा और दीवार के कोने साफ कर, बहुत जाले हो गये हैं।
छुट्टी लेकर घर आ जाना, कुछ जरूरी काम है।"
"मम्मी, ऑफिस में बहुत काम है, बॉस छुट्टी नहीं देगा।" आँखों से अंगारे बरसाते हुए रावण जैसे प्रतीत हो रहे बॉस की तरफ देखकर मैं जल्दी से फुसफुसाया।
"वो एक रिश्ता आया था तुम्हारे लिये,
बड़ी सुंदर लड़की है, सोच रही थी कि
एक बार तुम दोनों मिल लेेते तो..."
"अरे माँ, बस इतनी सी बात, तुम कहो और मैं ना आऊँ, ऐसा हो सकता है भला?"
मन में फूट रहे लड्डूओं की आवाज छिपाते हुए मैंने जवाब दिया।
बॉस को किसी तरह टोपी पहनाकर,
तत्काल कोटे में रिजर्वेशन कराने के बाद
सोमवार की रात घर पर पहुँचा।
माँ ने कुछ ज्यादा बात नहीं की,
बस खाना परोसा और दूसरे दिन
जल्दी उठ जाने को कहा।
सुबह के 4 बजे तक तो नींद आँखों से कोसों दूर थी,
फिर आँख लगी तो सुबह 7 बजे मोबाइल के अलार्म के साथ ही नींद खुली।
माँ ने चाय देते हुए कहा,
"बाथरूम में कपड़े रखे हैं, बदलकर आ जाओ।"
बाथरूम में पुरानी टी-शर्ट और शॉर्ट्स देखकर दिमाग ठनका,
बाहर आकर पूछा तो माँ ने मनोरम मुस्कान बिखेरते हुए कहा,
"दीवाली में घर की सफाई का बोलती तो तू काम का बहाना बनाकर टाल देता, चल अब जल्दी से ये लंबी वाली झाड़ू उठा और दीवार के कोने साफ कर, बहुत जाले हो गये हैं।