Kahani, Hansi Majak - जब बचपन था, तो जवानी एक ड्रीम था...
जब जवान हुए, तो बचपन एक ज़माना था... !! ____________________________
जब घर में रहते थे, आज़ादी अच्छी लगती थी...
आज आज़ादी है, फिर भी घर जाने की जल्दी रहती है... !!
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कभी होटल में जाना पिज़्ज़ा, बर्गर खाना पसंद था...
आज घर पर आना और माँ के हाथ का खाना पसंद है... !!!
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स्कूल में जिनके साथ ज़गड़ते थे,
आज उनको ही इंटरनेट पे तलाशते है... !!
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ख़ुशी किसमे होतीं है, ये पता अब चला है...
बचपन क्या था, इसका एहसास अब हुआ है...
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काश बदल सकते हम ज़िंदगी के कुछ साल..
.काश जी सकते हम, ज़िंदगी फिर एक बार...!!
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जब जवान हुए, तो बचपन एक ज़माना था... !! ____________________________
जब घर में रहते थे, आज़ादी अच्छी लगती थी...
आज आज़ादी है, फिर भी घर जाने की जल्दी रहती है... !!
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कभी होटल में जाना पिज़्ज़ा, बर्गर खाना पसंद था...
आज घर पर आना और माँ के हाथ का खाना पसंद है... !!!
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स्कूल में जिनके साथ ज़गड़ते थे,
आज उनको ही इंटरनेट पे तलाशते है... !!
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ख़ुशी किसमे होतीं है, ये पता अब चला है...
बचपन क्या था, इसका एहसास अब हुआ है...
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काश बदल सकते हम ज़िंदगी के कुछ साल..
.काश जी सकते हम, ज़िंदगी फिर एक बार...!!
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जब हम अपने शर्ट में हाथ छुपाते थे और लोगों से कहते फिरते थे देखो मैंने अपने हाथ जादू से हाथ गायब कर दिए
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✏जब हमारे पास चार रंगों से लिखने वाली एक पेन हुआ करती थी और हम सभी के बटन को एक साथ दबाने की कोशिश किया करते थे |❤
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✏जब हमारे पास चार रंगों से लिखने वाली एक पेन हुआ करती थी और हम सभी के बटन को एक साथ दबाने की कोशिश किया करते थे |❤
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Kahani, Hansi Majak
जब हम दरवाज़े के पीछे छुपते थे ताकि अगर कोई आये तो उसे डरा सके..
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जब आँख बंद कर सोने का नाटक करते
थे ताकि कोई हमें गोद में उठा के बिस्तर तक पहुचा दे |
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सोचा करते थे की ये चाँद हमारी साइकिल के पीछे पीछे क्यों चल रहा हैं |
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On/Off वाले स्विच को बीच में
अटकाने की कोशिश किया करते थे |
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फल के बीज को इस डर से नहीं खाते थे की कहीं हमारे पेट में पेड़ न उग जाए |
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बर्थडे सिर्फ इसलिए मनाते थे
ताकि ढेर सारे गिफ्ट मिले |
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फ्रिज को धीरे से बंद करके ये जानने की कोशिश करते थे की इसकी लाइट कब बंद होती हैं |
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सच , बचपन में सोचते हम बड़े
क्यों नहीं हो रहे ?
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जब आँख बंद कर सोने का नाटक करते
थे ताकि कोई हमें गोद में उठा के बिस्तर तक पहुचा दे |
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सोचा करते थे की ये चाँद हमारी साइकिल के पीछे पीछे क्यों चल रहा हैं |
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On/Off वाले स्विच को बीच में
अटकाने की कोशिश किया करते थे |
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फल के बीज को इस डर से नहीं खाते थे की कहीं हमारे पेट में पेड़ न उग जाए |
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बर्थडे सिर्फ इसलिए मनाते थे
ताकि ढेर सारे गिफ्ट मिले |
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फ्रिज को धीरे से बंद करके ये जानने की कोशिश करते थे की इसकी लाइट कब बंद होती हैं |
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सच , बचपन में सोचते हम बड़े
क्यों नहीं हो रहे ?
और अब सोचते हम बड़े क्यों हो गए ?⚡⚡
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ये दौलत भी ले लो.. ये शोहरत भी ले लो
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ये दौलत भी ले लो.. ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी...
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन ....☔
वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी..
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एक बात बोलु
इनकार मत करना
ये *msg* जीतने मरजी लोगों को *send* करो
जो इस *msg* को पढेगा
उसको उसका बचपन जरुर याद आयेगा.
क्या पता वो आपकी वजह से अपने बचपनमें चला जाए. चाहे कुछ देर के लीए ही सही।
और ये आपकी तरफ से उसको सबसे अच्छा गिफ्ट होगा.
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एक बात बोलु
इनकार मत करना
ये *msg* जीतने मरजी लोगों को *send* करो
जो इस *msg* को पढेगा
उसको उसका बचपन जरुर याद आयेगा.
क्या पता वो आपकी वजह से अपने बचपनमें चला जाए. चाहे कुछ देर के लीए ही सही।
और ये आपकी तरफ से उसको सबसे अच्छा गिफ्ट होगा.
प्रेम रतन धन पायो
सर्दी को मौसम आयो
दो दिन मे एक बार नहायो
गरम पानी से नहायो
स्वेटर पहन कर घर के बाहर जायो
खूब गज़क मूफली खायो
रजाई के बाहर मत आयो
भूल मत जाना मे कांई समझायो
वरना सर्दी लग जाएगी भायो
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सर्दी को मौसम आयो
दो दिन मे एक बार नहायो
गरम पानी से नहायो
स्वेटर पहन कर घर के बाहर जायो
खूब गज़क मूफली खायो
रजाई के बाहर मत आयो
भूल मत जाना मे कांई समझायो
वरना सर्दी लग जाएगी भायो
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पत्नी बाजार से(फ़ोन पर) : अजी, मैं अब बाज़ार आयी हूँ ख़रीदारी करने। आप को कुछ चाहिए क्या?
पति: हाँ… *मुझे जीवन का अर्थ चाहिए।*
*जीवन सार्थक कैसे होता है ये चाहिए।*
*आत्मा की शांति चाहिए।*
*मुझे अपना अस्तित्व ढूँढना है।*
*जीवन सार्थक कैसे होता है ये चाहिए।*
*आत्मा की शांति चाहिए।*
*मुझे अपना अस्तित्व ढूँढना है।*
पत्नी असमंजस होके (थोड़ी चुप्पी के बाद) : ठीक है ठीक है, कौन सी लाऊँ?
*रॉयल स्टेग या बिलेण्डर प्राइड
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*रॉयल स्टेग या बिलेण्डर प्राइड
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*फिटनेस ज्ञान*
200 कैलोरी बर्न करने के लिये समय....
*पैदल चलना ........45मिनट*
*दौडना...............18 मिनट*
*तैराकी ...............16 मिनट*
*टेनिस ................23 मिनट*
*योगाशन ............31मिनट*
*पैदल चलना ........45मिनट*
*दौडना...............18 मिनट*
*तैराकी ...............16 मिनट*
*टेनिस ................23 मिनट*
*योगाशन ............31मिनट*
*घरवाली से बहस........सिर्फ 2 मिनट*
*सलाह हमारी इच्छा तुम्हारी*
5⃣0⃣5⃣
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5⃣0⃣5⃣
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"बंता: आप एक मैसेज दो-दो बार क्यों भेजते हो?
संता: कर दी न पागलों वाली बात, ओये एक तू रख लिया कर और एक आगे भेज दिया कर।
बंता: तब तो आप तीन बार मैसेज किया करो।
संता: वो क्यों?
बंता: एक डिलीट भी तो करना होता है!
बंता: तब तो आप तीन बार मैसेज किया करो।
संता: वो क्यों?
बंता: एक डिलीट भी तो करना होता है!
Kahani, Hansi Majak
********************************///******"English" को हम लोग जितनी हार्ड समझते हैं उतनी हार्ड नहीं
होती lसिर्फ
.....पानी ...थोड़ा ज्यादा
मिलाना पड़ता है !
होती lसिर्फ
.....पानी ...थोड़ा ज्यादा
मिलाना पड़ता है !
माननीय प्रधान मंत्री जी
हम लोग कुछ बातें आपके सामने रख रहे हैं जिनकी सच्चाई से इंकार नही किया जा सकता।
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हम लोग कुछ बातें आपके सामने रख रहे हैं जिनकी सच्चाई से इंकार नही किया जा सकता।
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ये पोस्ट हमें कहीं से प्राप्त हुई है लेकिन आपकी आंखें खोल देने वाली है :
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*आँख फाड देने वाला 
360;च, पढ कर आप भी आश्चर्य चकित रह जायेगे ?*
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*आँख फाड देने वाला 
360;च, पढ कर आप भी आश्चर्य चकित रह जायेगे ?*
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भारत में कुल 4120 MLA और 462 MLC हैं अर्थात कुल 4,582 विधायक।
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प्रति विधायक वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 2 लाख का खर्च होता है। अर्थात
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91 करोड़ 64 लाख रुपया प्रति माह। इस हिसाब से प्रति वर्ष लगभ 1100 करोड़ रूपये।
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भारत में लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर कुल 776 सांसद हैं।
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इन सांसदों को वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 5 लाख दिया जाता है।
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अर्थात कुल सांसदों का वेतन प्रति माह 38 करोड़ 80 लाख है। और हर वर्ष इन सांसदों को 465 करोड़ 60 लाख रुपया वेतन भत्ता में दिया जाता है।
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अर्थात भारत के विधायकों और सांसदों के पीछे भारत का प्रति वर्ष 15 अरब 65 करोड़ 60 लाख रूपये खर्च होता है।
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ये तो सिर्फ इनके मूल वेतन भत्ते की बात हुई। इनके आवास, रहने, खाने, यात्रा भत्ता, इलाज, विदेशी सैर सपाटा आदि का का खर्च भी लगभग इतना ही है।
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अर्थात लगभग 30 अरब रूपये खर्च होता है इन विधायकों और सांसदों पर।
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अब गौर कीजिए इनके सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के वेतन पर।
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एक विधायक को दो बॉडीगार्ड और एक सेक्शन हाउस गार्ड यानी कम से कम 5 पुलिसकर्मी और यानी कुल 7 पुलिसकर्मी की सुरक्षा मिलती है।
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7 पुलिस का वेतन लगभग (25,000 रूपये प्रति माह की दर से) 1 लाख 75 हजार रूपये होता है।
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इस हिसाब से 4582 विधायकों की सुरक्षा का सालाना खर्च 9 अरब 62 करोड़ 22 लाख प्रति वर्ष है।
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इसी प्रकार सांसदों के सुरक्षा पर प्रति वर्ष 164 करोड़ रूपये खर्च होते हैं।
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Z श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त नेता, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए लगभग 16000 जवान अलग से तैनात हैं।
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जिन पर सालाना कुल खर्च लगभग 776 करोड़ रुपया बैठता है।
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इस प्रकार सत्ताधीन नेताओं की सुरक्षा पर हर वर्ष लगभग 20 अरब रूपये खर्च होते हैं।
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*अर्थात हर वर्ष नेताओं पर कम से कम 50 अरब रूपये खर्च होते हैं।*
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इन खर्चों में राज्यपाल, भूतपूर्व नेताओं के पेंशन, पार्टी के नेता, पार्टी अध्यक्ष , उनकी सुरक्षा आदि का खर्च शामिल नहीं है।
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*अर्थात हर वर्ष नेताओं पर कम से कम 50 अरब रूपये खर्च होते हैं।*
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इन खर्चों में राज्यपाल, भूतपूर्व नेताओं के पेंशन, पार्टी के नेता, पार्टी अध्यक्ष , उनकी सुरक्षा आदि का खर्च शामिल नहीं है।
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यदि उसे भी जोड़ा जाए तो कुल खर्च लगभग 100 अरब रुपया हो जायेगा।
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अब सोचिये हम प्रति वर्ष नेताओं पर 100 अरब रूपये से भी अधिक खर्च करते हैं, बदले में गरीब लोगों को क्या मिलता है ?
*क्या यही है लोकतंत्र ?*
*(यह 100 अरब रुपया हम भारत वासियों से ही टैक्स के रूप में वसूला गया होता है।)*
_एक सर्जिकल स्ट्राइक यहाँ भी बनती है_
◆ भारत में दो कानून अवश्य बनना चाहिए
→पहला - चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध
नेता केवल टेलीविजन ( टी वी) के माध्यम से प्रचार करें
नेता केवल टेलीविजन ( टी वी) के माध्यम से प्रचार करें
→दूसरा - नेताओं के वेतन भत्तो पर प्रतिबंध
| तब दिखाओ देशभकित |
प्रत्येक भारतवासी को जागरूक होना ही पड़ेगा और इस फिजूल खर्ची के खिलाफ बोलना पड़ेगा ?