World Arthritis Day क्यों मनाया जाता है विश्व गठिया दिवस? Vishv Gathiya Diwas पर पीड़ित के लिए स्वास्थ्य सुझाव

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World Arthritis Day 2024: Vishv Gathiya Diwas पर पीड़ित व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य सुझाव, गठिया से पीड़ित लोगों को जोड़ों में असहनीय दर्द होता है। इस बढ़ती चिकित्सा स्थिति पर ध्यान देने के लिए हर साल कई अंतरराष्ट्रीय संगठन विश्व गठिया दिवस मनाते हैं। चलिए विश्व गठिया दिवस के इतिहास और महत्व के बारे में जानते हैं।

विश्व गठिया दिवस के दिन जागरूकता के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें विश्व गठिया दिवस की थीम के अनुसार कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जाती है।

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World Arthritis Day Kab Manaya Jata Hai?
Date हर साल 12 अक्टूबर को मनाया जाता है।
शुरुआत विश्व गठिया दिवस पहली बार 12 अक्टूबर 1996 को मनाया गया था।
विवरण जब शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है तो गठिया की बीमारी ज्यादा परेशान करती है।
World Arthritis Day

Vishv Gathiya Diwas कब मनाया जाता है?

विश्व गठिया दिवस हर साल 12 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन गठिया रोग के बारे में जागरूकता के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

विश्व गठिया दिवस का इतिहास।

गठिया के बारे में जागरूकता फैलाने और गठिया की समस्या को कम करने में मदद करने के लिए 1996 में गठिया और संधिवाद इंटरनेशनल (एआरआई) द्वारा इस दिन की शुरुआत की गई थी।

विश्व गठिया दिवस पहली बार 12 अक्टूबर 1996 को मनाया गया था। इस पहल का आयोजन पहली बार आर्थराइटिस एंड आर्थराइटिस इंटरनेशनल (एआरआई) द्वारा किया गया था। तभी से हर साल विश्व गठिया दिवस मनाया जाता है।

World Arthritis Day क्यों मनाया जाता है?

गठिया जैसी बीमारी से पीड़ित लोगों की मदद के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विश्व गठिया दिवस चिकित्सा समुदाय, रोगियों और आम जनता के बीच इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

विश्व गठिया दिवस का महत्व

वयस्कों में गठिया व्यापक रूप से फैल रहा है, मोटे लोगों में इसकी संभावना अधिक है। विश्व गठिया दिवस हम सभी को समय पर याद दिलाने का काम करता है कि यह कितना खतरनाक है।

विश्व गठिया दिवस बीमारी पर ध्यान केंद्रित करता है और इसका उद्देश्य लोगों में जागरूकता को बढ़ावा देना है। इसका प्राथमिक उद्देश्य लोगों को गठिया के बारे में शिक्षित करना है।

गठिया क्या है?

आज की बदलती लाइफस्टाइल, मोटापे और गलत खान-पान के कारण आर्थराइटिस की बीमारी तेजी से बढ़ती जा रही है। पहले यह ज्यादातर बड़े लोगों के साथ होता था, लेकिन अब यह युवाओं को भी अपना शिकार बना रहा है।

यह बहुत ही कष्टदायक रोग है। इससे शरीर के जोड़ों में दर्द होने लगता है और चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। यह शरीर के एक जोड़ या कई जोड़ों को प्रभावित कर सकता है।

विभिन्न कारणों और उपचार विधियों के साथ गठिया के कई अलग-अलग प्रकार हैं। सबसे आम प्रकार ऑस्टियोआर्थराइटिस (OA) और रुमेटीइड गठिया हैं। गाउट के रोगियों में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है, जिसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल होता है।

गठिया क्यों होता है?

गठिया के कई प्रकार हैं। यह रोग मूल रूप से प्यूरीन नामक प्रोटीन के चयापचय में एक दोष के कारण होता है। खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। जब कोई व्यक्ति कुछ देर बैठता या सोता है तो यह यूरिक एसिड जोड़ों में जमा हो जाता है, जिससे चलना या अचानक उठना मुश्किल हो जाता है।

जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो यह गाउट का रूप ले लेता है। ध्यान न देने से घुटने, कूल्हे आदि क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इससे आर्टिफिशियल घुटना लगने की नौबत आ जाती है।

ऑस्टियोआर्थराइटिस गठिया का सबसे आम प्रकार है। यह विशेष रूप से कूल्हों, घुटनों, गर्दन, पीठ के निचले हिस्से, हाथ और पैरों को प्रभावित करता है। खान-पान भी इस बीमारी का कारण बन गया है, साथ ही इसके लिए शारीरिक सक्रियता भी एक बड़ी वजह है। व्यायाम और डाइट को सही रखकर इसके असहनीय दर्द से बच सकते हैं।

गठिया से पीड़ित व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य सुझाव

भावनात्मक कल्याण, आत्म-प्रबंधन और प्रेरणा के स्वस्थ जीवन शैली विकल्पों को अपनाकर अपने स्वास्थ्य में सुधार करें, जैसे:

तनाव व्यवहार में बदलाव का कारण बन सकता है, नींद को प्रभावित कर सकता है, भूख में बदलाव कर सकता है और मांसपेशियों में तनाव बढ़ा सकता है, इसलिए तनाव कम करने के लिए विश्राम तकनीकों का उपयोग करें।

  • शारीरिक गतिविधि सामान्य स्वास्थ्य के लिए अच्छी है और विशेष रूप से गठिया वाले लोगों के लिए फायदेमंद है।
  • अपनी स्थिति के लिए सबसे उपयुक्त व्यायाम के प्रकार के बारे में जानकारी के लिए अपने चिकित्सक या फिजियोथेरेपिस्ट से परामर्श लें।
  • व्यायाम साइकिल चलाना, नृत्य करना, चलना, कूदना, तैराकी और योग आदि के रूप में हो सकता है।
  • वजन को नियंत्रण में रखें। अधिक वजन होने से घुटनों, टखनों और कूल्हों जैसे जोड़ों पर दबाव पड़ता है।
  • नियमित रूप से व्यायाम करने से गठिया के खतरे को कम किया जा सकता है। लेकिन एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

फलों और सब्जियों का अधिक मात्रा में सेवन करें।

दूध, सालमन फिश, पालक, राजमा, मूंगफली, बादाम, टोफू आदि जैसे कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

विटामिन सी और डी जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी हैं। इसलिए विटामिन सी और डी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं जैसे स्ट्रॉबेरी, संतरा, कीवी, अनानास, फूलगोभी, ब्रोकली, पत्ता गोभी, दूध, दही, मछली आदि।

गोभी का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह शरीर के दर्द और हड्डियों के दर्द में काफी फायदेमंद माना जाता है। पत्ता गोभी का नियमित सेवन करने से गठिया की समस्या से बचा जा सकता है।

पालक का सेवन जरूर करें, इसमें आयरन अच्छी मात्रा में पाया जाता है साथ ही इसमें विटामिन, विटामिन ए, फोलिक एसिड, मैग्नीशियम और बीटा कैरोटीन जैसे अच्छे गुण पाए जाते हैं। यह गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस के रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

लोग हल्दी को दूध में मिलाकर भी लेते हैं और दवा के रूप में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। हल्दी एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर मानी जाती है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन गुण गठिया की समस्या में राहत दिलाने का काम कर सकता है।

लहसुन का इस्तेमाल लोग अपने खाने में भी करते हैं और इसका असर गर्म होता है जिस वजह से यह सर्दियों में ठंड से बचाने का भी काम करता है. ऐसा माना जाता है कि लहसुन का सेवन करने से हड्डियों के दर्द में आराम मिलता है।

अस्वीकरण: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।

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