National Voters Day कब मनाया जाता है | राष्ट्रीय मतदाता दिवस क्यों मनाया जाता है | Voter Helpline App चुनाव आयोग ने दी बड़ी सुविधा

Editor
0

National Voters Day 2023: राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 January: राष्ट्रीय मतदाता दिवस क्यों मनाया जाता है? कौन वोट कर सकता है? चुनाव आयोग ने दी बड़ी सुविधा (e-EPIC) Voter Helpline App आइये जानते हैं विस्तार से.

toc
Non Residential Indian Day Kab Manaya Jata Hai?
Date भारत में प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ मनाया जाता है।
पहली बार 25 जनवरी 2011 को तत्कालीन राष्ट्रपत‌ि श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ का शुभारम्भ किया था।
विवरण राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उद्देश्य मतदान में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना है, साथ ही मतदाताओं को एक अच्छी स्वच्छ छवि का प्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान के प्रति जागरूक करना है।
National Voters Day 2023

राष्ट्रीय मतदाता दिवस कब मनाया जाता है?

भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है। मतदाताओं द्वारा चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने और इसके लिए मतदाताओं में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिन का आयोजन किया जाता है। यह दिन सभी भारतीयों को अपने राष्ट्र के प्रति कर्तव्य की याद दिलाता है और यह भी बताता है कि प्रत्येक व्यक्ति को मतदान करना आवश्यक है।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस क्यों मनाया जाता है?

विश्व में भारत जैसे सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदान को लेकर घटते रुझान को देखते हुए राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाने लगा।

इसे मनाने के पीछे चुनाव आयोग का उद्देश्य यह था कि हर साल देश भर के सभी मतदान केंद्र क्षेत्रों में 1 जनवरी को 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले सभी पात्र मतदाताओं की पहचान की जाएगी।

इस संबंध में 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज किए जाएंगे और उन्हें चुनाव फोटो पहचान पत्र दिए जाएंगे।

पहचान पत्र बांटने का काम सामाजिक, शैक्षणिक और गैर राजनीतिक लोग करेंगे। इस अवसर पर मतदाताओं को एक बैज भी दिया जाएगा, जिसमें लोगो के साथ नारा छपा होगा, मतदाता होने पर गर्व है, मतदान के लिए तैयार है।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उद्देश्य मतदान में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना है, साथ ही मतदाताओं को एक अच्छी स्वच्छ छवि का प्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान के प्रति जागरूक करना है।

कौन वोट कर सकता है?

भारत के संविधान के अनुसार वह भारत का नागरिक होना चाहिए, जिसकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है। इन लोगों को बिना किसी भेदभाव के या नागरिकता अधिनियम के तहत मतदान का अधिकार दिया जाता है।

भारतीय पासपोर्ट रखने वाले (NRI) अनिवासी भारतीयों को भी वोट देने का अधिकार है। 18 वर्ष की आयु में वह सभी प्रकार के लोकतांत्रिक चुनावों में मतदान कर सकता है। दुनिया में हमारे लोकतंत्र को इतना मजबूत बनाने में मतदाताओं के साथ-साथ भारत के चुनाव आयोग का भी अहम योगदान है.

Voter Helpline App के बारे में, चुनाव आयोग ने दी बड़ी सुविधा

इस सुविधा से आप ऑनलाइन अपने एड्रेस में सुधार तथा नए वोटर कार्ड के लिए ऑनलाइन फॉर्म अप्लाई कर सकते हैं. इसके साथ ही चुनाव का परिणाम जान सकते हैं. किसी दूसरे वयक्ति के डिटेल चेक कर सकते हैं. ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं. वोट देने के लिए आपका नजदीकी बूथ भी बताता है.

एंड्राइड स्मार्टफोन में इस एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के लिए गूगल प्ले स्टोर पर जाये और सर्च करे "Voter Helpline App". हालाँकि इसके जैसे बहुत से फेक एप्लीकेशन मौजूद है. सही अप्लीकेशन की पहचान कर सके इसके लिए निचे भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बनाया गया ओरिगिओनल Voter Helpline App की तस्वीर दिया हुआ है और डाउनलोड करने के लिए लिंक.

Voter Helpline App ⬇Download https://play.google.com/store/apps/details?id=com.eci.citizen
⬇Download https://apps.apple.com/in/app/voter-helpline/id1456535004
PDF File https://eci.gov.in/e-epic/img/eEPIC-FAQs.pdf Voter Helpline Android and iOS Application Snapshots

वोटर आईडी का इलेक्ट्रॉनिक वर्जन यानी इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल फोटो पहचान पत्र सुविधा के तहत किसी भी व्यक्ति को वोटर आईडी कार्ड की हार्ड कॉपी रखने की जरूरत नहीं होगी। सरकार द्वारा शुरू की गई इस सुविधा के तहत कोई भी मतदाता अपने वोटर कार्ड की सॉफ्ट कॉपी मोबाइल फोन या कंप्यूटर पर डाउनलोड कर सकता है.

इस सुविधा की शुरुआत कानून मंत्री ने 25 जनवरी यानी 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' के मौके पर की है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा लॉन्च किए गए वोटर आईडी कार्ड के इलेक्ट्रॉनिक वर्जन के तहत अब भारत के नागरिक आधार कार्ड की तरह डिजिटल वोटर आईडी कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे।

आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह सुविधा (e-EPIC) इसलिए शुरू की गई है क्योंकि भौतिक कार्ड को प्रिंट करने और मतदाताओं तक पहुंचने में समय लगता है। ऐसे में इस नई शुरुआत की मदद से तेज़ी से और आसानी से पहुँचाया जाए। वर्तमान में आधार कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस डिजिटल रूप में उपलब्ध हैं।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का इतिहास क्या है?

वर्ष 1950 से स्थापित चुनाव आयोग के 61वें स्‍थापना वर्ष पर 25 जनवरी 2011 को तत्कालीन राष्ट्रपत‌ि श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ का शुभारम्भ किया था।

इस आयोजन के दो प्रमुख विषय थे, ‘समावेशी और गुणात्मक भागीदारी’ (Inclusive and Qualitative Participation) तथा ‘कोई मतदाता पीछे न छूटे’ (No Voter to be left behind).

पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम ने वर्ष 2012 में विज्ञान भवन में दूसरे राष्ट्रीय मतदाता समारोह की अध्यक्षता की और दिल्ली के 20 नए और पंजीकृत मतदाताओं को सचित्र मतदाता पहचान पत्र प्रदान किए।

इन मतदाताओं को समाज के विभिन्न वर्गों से लिया गया था और उन्हें एक बैज भी दिया गया था जिस पर लिखा था "मतदाताओं पर गर्व है - मतदान के लिए तैयार"। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों को 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' की शपथ भी दिलाई गई।

डॉ. कलाम ने सर्वश्रेष्ठ चुनावी प्रक्रिया को अपनाने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया और चुनाव प्रक्रिया को अपनाने में असाधारण कार्य करने के लिए डीईओ / एसपी के अलावा अन्य अधिकारियों को सम्मानित किया। .

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(31)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !